दानिन महं तुम सम कोउ नाहीं । सेवक स्तुति करत सदाहीं ॥ क्षम्यतां नाथ, अधुना अस्माकं दोषः अस्ति। भूत पिसाच निकट नहिं आवै। महाबीर जब नाम सुनावै।। अर्थ: पवित्र मन से इस पाठ को करने से भगवान शिव कर्ज में डूबे को भी समृद्ध बना देते हैं। यदि कोई संतान https://shivchalisas.com